पक्षियों की 500 प्रजातियां विलुप्ति की कगार परपक्षियों की 500 प्रजातियां विलुप्ति की कगार पर

पक्षियों की 500 प्रजातियां विलुप्ति की कगार पर

पक्षियों की 500 से ज्यादा प्रजातियां अगले सौ वर्षों में विलुप्त हो सकती हैं। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से ये पक्षी अपने आवास स्थल खो देंगे और उनके भोजन में बढ़ती भारी तत्वों की मात्रा उनके लिए जहरीली है।

लगभग 250 प्रजातियों को इंसानों द्वारा पैदा किए जा रहे खतरों से बचाने की तत्काल जरूरत है। यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग के शोधकर्ता केरी स्टीवर्ट के अनुसार इन पक्षी प्रजातियों को बचाने के लिए अभी से विशेष कार्यक्रम शुरू करने की जरूरत है। इनके प्रजनन स्थलों और आवासों को बचाने के लिए काम करना होगा, ताकि ये जिंदा रह सकें। इन पक्षियों में ब्रिटेन में पाए जाने वाला एटलांटिक पफिन, ग्रेट बस्टर्ड, बेलिरिक शीरवाटर, धनेश, अम्बरेला बर्ड, येलो बेलीड सनबर्ड, इम्पीरियल्ड वुडपैकर, येलो बंटिंग आदि शामिल हैं।

भारी तत्वों से खतरा

पक्षियों को लेड, जिंक और आयरन जैसे भारी तत्वों की उनके भोजन में बढ़ती मात्रा से खतरा है। यह उनके लिए जहर की तरह है। ऐसे पक्षियों में ये लक्षण दिखने लगते हैं-

1. लगातार प्यास लगना

2. चौकन्नापन खत्म होना

3. कमजोरी

4. आपस में सामंजस्य की कमी

दस हजार से ज्यादा प्रजातियों का अध्ययन

आईयूसीएन रेड लिस्ट के डाटा का इस्तेमाल करते हुए इस शोध टीम ने 10 हजार से ज्यादा पक्षी प्रजातियों का अध्ययन किया। ब्रिटेन का बेलिरिक शीरवाटर पक्षी खतरे में हैं और दुनिया में सिर्फ 5800 पक्षी ही इस प्रजाति के बचे हैं। अध्ययन टीम के प्रोफेसर मनुएला गोंजालेज-सुआरेज का कहना है कि लगभग 250 से 350 प्रजातियों को तत्काल संरक्षण की आवश्यकता है ।

साभार – नवोदय टाइम्स