जलवायु परिवर्तन का असर, भीषण गर्मी के खतरे में देश की तीन चौथाई आबादी
35 संकेतकों के आधार पर 734 जिलों का कंपोजिट हीट रिस्क असेसमेंट देश के ज्यादातर हिस्से गर्मी से तप रहे हैं। 14 राज्यों के 417 जिलों में अभी भीषण गर्मी का खतरा बना हुआ है, जहां देश की 76 फीसदी आबादी रहती है । काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरमेंट एंड वाटर (सीईईडब्ल्यू) की ‘हाउ एक्सट्रीम हीट इज इम्प -पेकटिंग इंडियाः असेसिंग डिस्ट्रिक्ट लेवल हीट-रिस्क’ अध्ययन के मुताबिक गर्मी के सर्वाधिक जोखिम वाले राज्यों में आंध्र प्रदेश, गोवा, केरल, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश व दिल्ली है ।
सीईईडब्ल्यू ने 35 संकेतकों के आधार पर भारत के 734 जिलों का अपनी तरह का पहला कंपोजिट हीट रिस्क असेसमेंट पेश किया है। यह मूल्यांकन 1982 से 2022 तक जलवायु परिवर्तन के कारण गर्मी के जोखिम के रुझानों में आए बदलावों की विस्तृत जानकारी देता है।
राजधानी दिल्ली के आधे क्षेत्रों में गर्मी का जोखिम ज्यादा
जिलों में (417) भीषण गर्मी का खतरा बना हुआ है । इन जिलों में देश की 76 फीसदी यानी तीन चौथाई आबादी रहती है ।
देश के पश्चिमी तटीय राज्यों में 75 फीसदी हिस्सों में अत्यधिक गर्मी की आशंका
734 जिलों स्तर में गर्मी का अनुमान
बहुत ज्यादा जोखिम वाली गर्मी 417
मध्यम जोखिम वाली गर्मी 201
कम जोखिम वाली गर्मी 116
हीट रिस्क इंडेक्स में राज्य
स्थान राज्य
- आंध्रप्रदेश, गोवा, केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली
- गुजरात
- राजस्थान
- कर्नाटक
- तमिलनाडु
- उत्तरप्रदेश
- बिहार
- तेलंगाना
- मध्यप्रदेश
- पंजाब
हीट रिस्कः मध्यप्रदेश के 18, राजस्थान के 7 जिले मध्यप्रदेश में इंदौर, भोपाल, पश्चिम निमार, उज्जैन, धार, शाजापुर, देवास, पूर्व निमार, छिंदवाड़ा, बड़वानी, सीहोर, रतलाम, मंदसौर, होशंगाबाद, बेतुल, राजगढ़, रायसेन और जबलपुर, जबकि राजस्थान में जयपुर, बाड़मेर, जालौर, उदयपुर, झालावाड़, पाली और चित्तौड़गढ़ हीट रिस्क वाले जिले हैं ।
एक दशक में जयपुर में 7 बेहद गर्म रातें बढ़ी
1982-2011 की तुलना में पिछले दशक (2012- 2022) में लगभग 70 फीसदी जिलों में प्रत्येक में गर्मी में पांच से अधिक बहुत गर्म रातों की वृद्धि देखी गई है । इसके विपरीत करीब 28 फीसदी जिलों में बहुत गर्म दिनों में इस तरह की वृद्धि देखी गई है । गर्म दिनों की तुलना में गर्म रातें तेजी से बढ़ रही हैं । पिछले दशक में मुंबई निवासियों ने पहले तीन दशकों की तुलना में प्रत्येक गर्मी में 15 से अधिक बहुत गर्म रातों का सामना किया है । जबकि जयपुर ने सात और चेन्नई ने चार बहुत गर्म रातों की वृद्धि देखी ।
patrika.com से साभार