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दुनिया में बढ़ता तनाव जलवायु परिवर्तन से लड़ने में बन रहा बाधा

वैश्विक परिस्थितियों और बाजार के बदलते परिदृश्य की वजह से ऊर्जा संरक्षण के कदम हो रहे धीमे

दुनिया में बढ़ता तनाव जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए साफ ऊर्जा को बढ़ावा देने में बाधा बन रहा है। वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक परिस्थितियों और बाजार के बदलते परिदृश्य की वजह से ऊर्जा संरक्षण के कदम धीमे हो रहे हैं। बढ़ती बिजली की मांग ऊर्जा सुरक्षा को बदल रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, बदलती बाजार व्यवस्था, बढ़ती जियोपालिटिकल अनिश्चितताएं, उभरती प्रौद्योगिकियां, स्वच्छ ऊर्जा अपनाने की आगे बढ़ती राह और बढ़ते जलवायु परिवर्तन के प्रभाव सुरक्षित ऊर्जा प्रणाली के लिए किए जाने वाले प्रयासों के अर्थ बदल रहे हैं। हालांकि, 1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा अभी भी हासिल की जा सकती है, लेकिन इसके लिए समय और अवसर सीमित होते जा रहे हैं, जबकि दुनिया के पास जीवाश्म ईंधनों की पर्याप्त आपूर्ति है। 2020 के दशक के अंत में तेल और गैस की अधिकता की संभावना है। गैस की मांग अनावश्यक रूप से बढ़ सकती है और नवीकरणीय ऊर्जा के विकास में बाधा आ सकती है।

तेजी से बढ़ रही बिजली की मांग

रिपोर्ट के अनुसार, कम कार्बन उत्सर्जन वाले स्रोत 2030 से पहले दुनिया की आधी से अधिक बिजली उत्पन्न करने के लिए तैयार हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि कोयला, तेल और गैस की मांग दशक के अंत तक चरम पर पहुंचने का अनुमान है। ऊर्जा प्रणाली में स्वच्छ ऊर्जा अभूतपूर्व तेजी से प्रवेश कर रही है, लेकिन प्रौद्योगिकियों और बाजारों में इसका उपयोग अभी समान रूप से होना बहुत दूर की बात है। पिछले दशक में बिजली का उपयोग कुल ऊर्जा मांग की तुलना में दोगुनी गति से बढ़ा है। पिछले 10 वर्षों में बिजली की मांग में वैश्विक वृद्धि का दो तिहाई हिस्सा चीन से आया है।

ज्यादा ऊर्जा खपत से बढ़ता है प्रदूषण का खतरा

दुनियाभर में जीवाश्म ईंधन के दहन से वायु प्रदूषकों का उत्सर्जन होता है। यह शहरी वायु प्रदूषण का एक प्रमुख कारण है।स्थिति यह है कि ऊर्जा की बढ़ती मांग के कारण जीवाश्म ईंधन पृथ्वी की परतों के नीचे समाप्त होने के कगार पर पहुंच गया है। अगर आने वाले समय में हम स्वच्छ ऊर्जा की ओर नहीं गए तो वायु प्रदूषण के हालात बदतर हो जाएंगे। दुनिया भर में जल विद्युत ऊर्जा के लिए बड़े-बड़े बांध बनाए गए हैं जिससे पर्यावरण पर गहरा प्रभाव पडा है। जबकि ऊर्जा संरक्षण से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कम होता है जिसके कारण ग्लोबल वार्मिंग धीमी होती है। सौर ऊर्जा एक स्वच्छ ऊर्जा स्रोत है और इससे वायुमंडलीय प्रदूषण नहीं होता।

जलवायु परिवर्तन से जंग धीमी पड़ने की आशंका

रिपोर्ट के निष्कर्ष में कहा गया है कि दुनिया की जटिल होती जियोपालिटिकल स्थितियों और देशों के बीच बढ़ता तनाव पूरी पृथ्वी के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। इस कारण जलवायु परिवर्तन से जंग धीमी पड़ने की आशंका तेज हो रही है। दुनिया में जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देना आवश्यक है। रिपोर्ट में सामान्य जनों के लिए ऊर्जा संरक्षण के लिए ऐसे सामान्य उपाय का उल्लेख किया गया है जिसे हर कोई अपना सकता है। जैसे कि कमरे से बाहर निकलते समय लाइट बंद करें। जब इस्तेमाल में नहीं तो उपकरणों को अनप्लग करें।

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