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जलवायु परिवर्तन पर ओडिसा राज्य की कार्य योजना

जलवायु परिवर्तन पर ओडिसा राज्य की कार्य योजना

जलवायु परिवर्तन पर ओडिसा राज्य की कार्य योजना

480 किलोमीटर लंबी तटरेखा के साथ जलवायु-मध्यस्थ चक्रवात और तटीय कटाव इसका खतरा है और जल संसाधन मानसून पर निर्भर हैं । उड़ीसा जलवायु परिवर्तन के प्रति अपेक्षाकृत अधिक संवेदनशील है । जलवायु-प्रेरित मौसम परिवर्तनों की अनिश्चितता और पानी की खपत करने वाला चावल इसकी मुख्य फसल है और इसलिए इसकी कृषि असुरक्षित है । यद्यपि राज्य का भौगोलिक क्षेत्रफल 38 प्रतिशत है इनमें से अधिकांश क्षेत्र वनों के रूप में दर्ज है जिनमे से कुछ  वन नष्ट हो गये हैं ।

वेक्टर जनित रोग, विशेष रूप से मलेरिया, काफी बड़े पैमाने पर है और जलवायु परिवर्तन की व्यापकता के कारण बीमारी और भी व्यापक हो सकती है ।

दरअसल, जलवायु परिवर्तन की वर्तमान विकास रणनीति को पटरी से उतारने के लिए और उड़ीसा में गरीबी की  गहराने की संभावना है । सतत जलवायु परिवर्तन से क्षेत्रीय विकास गरीबों की कृषि और गैर-कार्यों में संलग्न होने की क्षमता कृषि क्षेत्र की गतिविधियों के  परिवर्तन की भविष्यवाणी की गई है । इसमें सीधा असर चरम जलवायु-प्रेरित घटनाएँ  जैसे जीवन, आजीविका, संपत्ति आधारभूत संरचना आदि का नुकसान शामिल है । राज्य की आर्थिक वृद्धि को समाप्त करना वृहत आर्थिक नीतियों की प्रभावशीलता और गरीब समर्थक पहल ये सभी प्रभावित कर सकते हैं ।

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