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1800 करोड़ की परियोजना फेल द्रव्यवती नदी से बना अमानीशाह नाला

मौ. वाजिद अली

भारत में ऐसी कई नदियाँ हैं जिनका आज अस्तित्व नहीं है, उन्हीं में से एक राजस्थान में दक्षिण की ओर बहने वाली प्रमुख नदी द्रव्यवती नदी भी है। जोकि, भारत की सबसे छोटी नदियों में शुमार है। द्रव्यवती नदी आमेर की पहाड़ियों के पशिचिमी ढलान से निकलती है। द्रव्यवती नदी की कुल लंबाई 47.5 किलो मीटर है। अंत में यह नदी संतोषपुरा के पास धुंड नदी में मिलती है।
साल 1981 के जुलाई माह में आई बाढ़ में द्रव्यवती नदी का अस्तित्व बह गया था। बची-कुची कसर अतिक्रमण विकास और प्रदूषण ने पूरी करदी और द्रव्यवती कब अमानीशाह नाला में बदल गई पता नही चला। आज द्रव्यवती को लोग इसके नाम से नहीं बल्कि अमानीशाह के नाले के नाम से जानते हैं।
हालांकि, द्रव्यवती नदी के इतना सब सहने के बाद भी लोग इसे भुला नहीं पाएँ हैं। अक्सर ही देश की नदियों की चर्चा में द्रव्यवती नदी का नाम शामिल रहता है। साल 2013 में द्रव्यवती नदी एक बार फिर से चर्चा का विषय तब बन गयी जब तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने द्रव्यवती नदी की खस्ता हालात को सुधारने का ऐलान किया। वसुंधरा राजे ने 1800 करोड़ की लागत से द्रव्यवती रिवर फ्रंट परियोजना को हरी झंडी दिखाई।
द्रव्यवती रिवर फ्रंट परियोजना का कार्य टाटा को सौंपा गया। साल 2016 तक काफी हद तक रिवर फ्रंट परियोजना सफल होती नज़र आने लगी थी। 47.5 किमी लंबी द्रव्यवती नदी में 5 सीवरेज ट्रिटमेंट प्लांट लगाए गए थे। 300 छोटो और बड़े नालो के साथ-साथ सीवरेज के पानी को रिसाइकिल कर द्रव्यवती नदी में छोड़ने की बात कही गई थी जिससे सालाना नदी में साफ और स्वच्छ पानी बहता रहे। पानी के निकास की भी व्यवस्था की गई थी ताकि तेज बारिश में ऑवर फ्लो से बचा जा सके। इसके अतिरिक्त पाँच लाख वर्ग मीटर में ग्रीन बैल्ट और नदी के किनारों पर साइक्लिंग और पैदल चलने वालों के लिए ट्रैक का भी निर्माण किया जाना था।
साल 2016 में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने रिवर फ्रंट का कार्य पूरा होने के पूर्व ही इसका उद्घाटन भी कर दिया और यह आश्वासन दिया था की जल्दी ही यह परियोजना कार्य पूरा किया जाएगा। साथ ही द्रव्यवती नदी जयपुर शहर की सुंदरता में चार चाँद लगाएगी और गुजरात के साबरमती रिवर-फ्रंट की तर्ज पर इसे पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जाएगा। लेकिन, गहलोत सरकार के समय एक बार फिर 1800 करोड़ की लागत से बनने वाले रिवर-फ्रंट की परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। द्रव्यवती रिवर-फ्रंट परियोजना की डेडलाइन 2018 रखी गई थी।
हालांकि, राजस्थान की वर्तमान सरकार ने द्रव्यवती नदी की साफ-सफाई के लिए भारी मशीने लगा रखी हैं। जयपुर विकास प्राधिकरण की तरफ से भी नदी की साफ-सफाई का ध्यान रखने की कोशिश की जाती हैं। लेकिन, स्थिति जस की तस बनी हुई है। लोगों द्वारा द्रव्यवती नदी को अमानीशाह नाला के रूप में ही देखा जाता है। इसलिए, राहगीर और आस-पास के लोग तो उसे दूषित करने का कार्य करते ही हैं साथ ही कारखानों का वेस्ट भी नदी के फिर से नाले बनने में बराबर का हिस्सेदार हैं।
द्रव्यवती नदी के रुके हुए कार्य को एक बार फिर से शुरू किया जाना चाहिए साथ ही लोगों को भी अपनी नदी के प्रति जागरूक और उसे स्वच्छ बनाए रखने के लिए सहयोग करना होगा। ताकि, द्रव्यवती नदी से बने अमानीशाह नाला को एक बार फिर से उसके असली रूप में तब्दील किया जा सके।

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