After all, why should there not be talks with Naxalites?
आखिर क्यों ना हो नक्सलियों से बातचीत ? पंकज चतुर्वेदी गर्मी और चुनाव की तपन शुरू हुई और नक्सलियों ने धुंआधार हमले शुरू कर दिए , हालांकि सरकार की कार्यवाही में बीते दो महीनों में 52 नक्सली मारे गए और कई बड़े नाम आत्मसमर्पण कर चुके हैं । 29 तो अकेले एक ही मुठभेड़ … Read more