Category: Water (जल)

इंद्रावती: लोकगाथा, लोकसाहित्य और बस्तर की जलसंस्कृति का जीवंत संगम

छत्तीसगढ़ की इंद्रावती नदी डॉ. रुपेन्द्र कवि नदियाँ जब केवल जलधारा न रहकर संस्कृति की वाहक, लोक स्मृति की रक्षक…

सरकारी तालाब और जल आत्मनिर्भर भारत 2047

एक वैज्ञानिक विश्लेषण अजय सहाय भारत एक ऐसा देश है जहां औसत वार्षिक वर्षा 4000 बिलियन क्यूबिक मीटर (BCM) होती…

पानी बचाने की क्रांति

भारतीय अनुभव और वैश्विक तकनीकों का मेल अजय सहाय भारत में सरकारी तालाबों की भूमिका वर्ष 2047 तक ‘जल आत्मनिर्भर…

जल आत्मनिर्भर भारत 2047 की दिशा में पारंपरिक जल स्रोतों का संरक्षण

भारत में पारंपरिक जल स्रोतों का महत्व अत्यंत प्राचीन और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध है अजय सहाय भारत में पारंपरिक…

नदियाँ बहती रहीं, सूखे बढ़ते रहे

भारत का अधूरा जल प्रबंधन सपना अजय सहाय भारत में प्रतिवर्ष औसतन 4000 अरब घन मीटर (BCM) वर्षा जल प्राप्त…

10 वर्षों में असमान रही जुलाई की शुरुआती वर्षा

वैज्ञानिक जलवायु परिवर्तन मानते हैं इसकी बड़ी वजह, इस वर्ष 12 दिनों में रिकॉर्ड की गई 180 मिमी बारिश पिछले…

वैज्ञानिक बोलें केवल तकनीक नहीं, किसान और आमजन की आपसी सहयोग से बचेगा जल

वर्तमान दौर की सबसे बड़ी समस्या जलवायु परिवर्तन है अमनदिप नारायण सिंह जैसे की हम जानते हैं कि वर्तमान दौर…

जलवायु परिवर्तन और घटती वर्षा ऋतु

कम दिनों में अत्यधिक वर्षा का वैज्ञानिक विश्लेषण अजय सहाय वर्तमान समय में वैश्विक जलवायु परिवर्तन (Climate Change) भारतीय उपमहाद्वीप…

हिमाचल में बादल फटने की बढ़ती घटनाएँ

जलवायु परिवर्तन, मानवीय हस्तक्षेप और पर्यावरणीय असंतुलन का खतरनाक गठजोड़ अजय सहाय हाल के एक दशक में हिमाचल प्रदेश और…

बादलों के घर कहे जाने वाले मेघालय में 1 जून से 5 जुलाई तक 48 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई

सामान्य औसत 873.1 मिमी की तुलना में केवल 453.3 मिमी हुई है वर्षा मेघालय में चालू मानसून के दौरान कम…

जलवायु परिवर्तन का असर: कम समय में ज्यादा बारिश अब ‘न्यू नॉर्मल’

मानसून का मिजाज बदला, अब जून में ही ‘चौमासे’ की चौथाई वर्षा जलवायु परिवर्तन से मानसून का पैटर्न बदल रहा…

छोटी नदियों का सूखना

वर्टिकल और हॉरिज़ॉन्टल फ्रैक्चर की वैज्ञानिक गाथा अजय सहाय आज के समय में जलवायु परिवर्तन (Climate Change) के कारण सर्दियों…