बीती रात देशभर में दिवाली का पर्व मनाया गया। राजधानी में दिल्लीवालों ने देर रात तक तमाम प्रतिबंधों को धुएं में उड़ाते हुए जमकर आतिशबाजी की। जिसकी वजह से शुक्रवार आज आसमान में जहरीले धुएं के बादल छा हुए हैं। राजधानी में धुंध की एक पतली परत छाई हुई है, क्योंकि वायु गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है। सीपीसीबी के मुताबिक, आने वाले दिनों में वायु प्रदूषण और बढ़ने की पूरी आशंका है। हालांकि, एनसीआर के गाजियाबाद, गुरुग्राम, ग्रेटर नोएडा और नोएडा में हवा की गुणवत्ता थोड़ी बेहतर रही। 

सीपीसी के आंकड़े
सीपीसीबी के अनुसार, कुछ क्षेत्रों का एक्यूआई 317 है, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है। दिवाली के बाद अक्सर नई दिल्ली में हवा का प्रदूषण अत्यधिक हो जाता है। पिछले 24 घंटे के औसत प्रदूषण लेवल की बात की जाए तो एक्यूआई 359 था।

दीपावली की रात दिल्ली और उसके आसपास के जिलों में जिस तरह  आतिशबाजी चली , उससे उपजे जहर से उबरने में कई दिन लगेंगे  और इसके शिकार हुए लोगों की जिंदगी ही खतरे में हैं . सवाल यह है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के क्रियान्वयन में पुलिस और अन्य  एजेंसियां क्यों असफल रही ? दीपावली देश की सांस्कृतिक पहचान है और इसे दूषित करने से रोकने में सरकार और समाज क्यों असफल रहा ? यह लेख इसी मसले पर है