भारत में समय से पहले आए मॉनसून ने सबको चौंकाया
अशोक उपाध्याय
इस साल भारत में मानसून समय से पहले आ गया है, जिसने केरल से महाराष्ट्र तक कई राज्यों को हैरान कर दिया है। मौसम विभाग के अनुसार, ग्लोबल वार्मिंग का इस पर थोड़ा असर हो सकता है। मॉनसून के जल्दी आने से फायदे तो हैं, लेकिन बाढ़ जैसी आपदाओं का खतरा भी बढ़ गया है।
इस साल केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और महाराष्ट्र समेत देश के कुछ हिस्सों में तय समय से पहले ही मॉनसून पहुंच चुका है। इस बार मॉनसून की शुरुआत दो कारणों से खास है। पहला, यह कई जगहों पर एक से दो हफ्ते पहले आ गया। वहीं दूसरा, यह एक ही दिन में केरल से महाराष्ट्र की तरफ बढ़ गया। मौसम विभाग IMD का कहना है कि ग्लोबल वार्मिंग का मॉनसून पर थोड़ा ही असर होता है।
भारत में मॉनसून का बहुत महत्व है। यह खेती, पानी और बिजली के लिए जरूरी है। मॉनसून अच्छा रहने से देश में खुशहाली आती है।मॉनसून जल्दी आने से फायदा तो है, लेकिन इससे बाढ़ और दूसरी परेशानियां भी हो सकती हैं। इसलिए, मानसून के बदलते व्यवहार को समझना बहुत जरूरी है।
1971 में भी वक्त से पहले आया था मॉनसून
इस साल मॉनसून का जल्दी आना एक दुर्लभ घटना है। ऐसा पहले 1971 में हुआ था। उस समय, मॉनसून कर्नाटक और महाराष्ट्र के कई हिस्सों में एक साथ आ गया था। इस बार भी ऐसा ही हुआ है, जिससे लोगों को हैरानी हुई है। IMD के अनुसार, मॉनसून का जल्दी आना और एक साथ कई जगहों पर फैलना असामान्य है। आमतौर पर मॉनसून जून के पहले हफ्ते में केरल से शुरू होता है, फिर धीरे-धीरे यह उत्तर भारत की ओर बढ़ता है। लेकिन इस बार मॉनसून मई के आखिरी हफ्ते में ही कई राज्यों में पहुंच गया।
ग्लोबल वार्मिंग का मॉनसून पर ज्यादा असर
मौसम विभाग का कहना है कि ग्लोबल वार्मिंग का मॉनसून पर ज्यादा असर नहीं होता है, लेकिन दुनिया भर में हो रहे बदलावों को देखते हुए लगता है कि ग्लोबल वार्मिंग का कुछ असर जरूर है। यूरेशिया और हिमालय में बर्फ कम हो रही है, इससे जमीन जल्दी गर्म हो जाती है, जिससे मॉनसून जल्दी आ सकता है।
इस साल अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में नमी ज्यादा थी, जिससे मॉनसून जल्दी आ गया। कर्नाटक और गोवा के पास बने चक्रवात ने भी इसमें मदद की।
सोमाली जेट हवा भी इस बार ज्यादा तेज है। यह हवा मॉरीशस और मेडागास्कर के पास से आती है और अरब सागर से नमी लेकर भारत के पश्चिमी तट पर पहुंचती है. इस हवा की वजह से केरल, कर्नाटक, गोवा और महाराष्ट्र में बारिश जल्दी शुरू हो गई।
अल नीनो (El Nino) की वजह से आमतौर पर मॉनसून कमजोर हो जाता है, लेकिन इस साल अल नीनो का असर कम है, जिससे मानसून अच्छा रहने की उम्मीद है।
2025 में मानसून का जल्दी आना एक चेतावनी है। हमें जलवायु परिवर्तन के बारे में सोचना होगा और इसके लिए तैयार रहना होगा। हमें पानी का सही इस्तेमाल करना होगा और बाढ़ से बचने के उपाय करने होंगे।
दक्षिण-पश्चिम मानसून आंध्र प्रदेश में रायलसीमा पहुंचा
आंध्र प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एपीएसडीएमए) ने सोमवार को कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून राज्य के रायलसीमा क्षेत्र में प्रवेश कर गया है। प्राधिकरण ने कहा कि आंध्र प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए अनुकूल दशाएं हैं। इसने एक बयान में कहा, ‘दक्षिण-पश्चिम मानसून आंध्र प्रदेश के रायलसीमा क्षेत्र में प्रवेश कर गया है और राज्य के अन्य भागों में इसके आगे बढ़ने के लिए अनुकूल दशाएं हैं।’ इस बीच, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून मध्य अरब सागर के कुछ और हिस्सों, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु के शेष हिस्सों के साथ-साथ तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ गया है।
कोलकाता, दक्षिण बंगाल के कुछ हिस्सों में बारिश
कोलकाता शहर और दक्षिण बंगाल के कुछ हिस्सों में सोमवार को हल्की से मध्यम बारिश हुई। इसे भारतीय मौसम विभाग ने उस दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगमन से पहले की वर्षा बताया, जो वर्तमान में पूर्वोत्तर क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में आगे बढ़ रहा है। मौसम विभाग के अधिकारियों के अनुसार, 27 मई के आसपास बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य और उससे सटे उत्तरी भाग में कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इसके प्रभाव से 28 मई से राज्य के कुछ जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है।
मुंबई में 75 साल में सबसे जल्द मॉनसून आया
देश की आर्थिक राजधानी में सोमवार को मानसून ने जोरदार तरीके से दस्तक दी। भारी बारिश के कारण मध्य रेलवे की हार्बर लाइन पर उपनगरीय ट्रेन सेवाएं स्थगित कर दी गईं, जबकि महानगर के कई इलाकों में जलभराव की खबरें आईं। पश्चिमी महाराष्ट्र और तटीय कोंकण क्षेत्र के कुछ हिस्सों में भी भारी बारिश की खबर है। एक अधिकारी ने बताया कि रायगढ़ जिले में बिजली गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। भारी बारिश के कारण भूमिगत स्टेशन में पानी भर जाने के बाद सोमवार को आचार्य अत्रे चौक और वर्ली के बीच मेट्रो लाइन 3 पर ट्रेन सेवा स्थगित कर दी गई।
नवभारत टाइम्स से साभार