विश्व पर्यावरण दिवस एवं गंगा दशहरा के पावन अवसर पर दिनांक 5 जून 2025 को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की मेज़बानी सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता डॉ. हिमांशु उपाध्याय द्वारा की गई।


मुख्य अतिथि श्री चिराग पासवान (कैबिनेट मंत्री, खाद्य प्रसंस्करण एवं उधोग) ने अपने वक्तव्य में कहा कि “आज समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है कि हम गंगा और हिमालय की ग्लेशियरों को बचाएं। सरकार इसके लिए पूरी तरह से तत्पर और संकल्पबद्ध है।”


कार्यक्रम में देश की प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया जिनमें प्रमुख रूप से श्री चेतन शर्मा, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल, भारत सरकार, श्री के.सी. मित्तल, सदस्य, दिल्ली बार काउंसिल, श्री किशोर उपाध्याय, विधायक, टिहरी, श्री ए.के. बाजपेयी, उपाध्यक्ष, लोजपा (पासवान), श्री अविनाश मिश्रा, सलाहकार, नीति आयोग, श्री श्यामल सरकार, सलाहकार, टिहरी, डॉ. जीवीआर शास्त्री, पर्यावरण विशेषज्ञ, श्री आलोक सिन्हा, श्रीमती रूबी शर्मा, अधिवक्ता एवं सदस्य पंजाबी अकादमी, सुरिंदर सिंहा एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडिया कार्यक्रम में वक्ताओं ने गंगा और हिमालय की वर्तमान संकटपूर्ण स्थिति पर चिंता व्यक्त की और आमजन से अपील की कि वे अपने स्तर पर छोटे-छोटे प्रयासों से जल, पर्यावरण और प्रकृति के संरक्षण में योगदान दें।


डॉ. हिमांशु उपाध्याय ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि “ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से जन-जागरूकता फैलाना अत्यंत आवश्यक है। जब तक समाज स्वयं नहीं जागेगा, तब तक केवल सरकारी प्रयास पर्याप्त नहीं होंगे।”
कार्यक्रम में पर्यावरणविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, अधिवक्ताओं एवं विद्यार्थियों ने भी भाग लेकर गंगा और हिमालय की रक्षा हेतु अपने विचार साझा किए।

“गंगा और हिमालय को बचाना केवल एक धार्मिक या सांस्कृतिक कर्तव्य नहीं, बल्कि यह हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए जीवन बचाने का संकल्प है।”

साभार – नीलू सिन्हा

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