10 वर्षों में असमान रही जुलाई की शुरुआती वर्षा10 वर्षों में असमान रही जुलाई की शुरुआती वर्षा

वैज्ञानिक जलवायु परिवर्तन मानते हैं इसकी बड़ी वजह, इस वर्ष 12 दिनों में रिकॉर्ड की गई 180 मिमी बारिश

पिछले 10 वर्षों में जुलाई की शुरुआती बारिश असामान्य रही है। सरोवर नगरी में जुलाई माह में भले ही बारिश में निरंतरता बनी हुई हो, लेकिन वर्षा का औसत सामान्य से नीचे बना हुआ है। पिछले 12 दिनों में 180 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई है, जबकि पिछले वर्ष 577 मिमी दर्ज की गई थी।

सिंचाई विभाग के झील नियंत्रण कक्ष के मुताबिक वर्ष 2021 व 22 के जुलाई के पहले 12 दिनों की बारिश बेहद निराश करने वाली थी। इसकी बड़ी वजह मानसून के देर से पहुंचने के अलावा जलवायु परिवर्तन माना जाता है, जबकि इससे पहले 2016 से 2017 में वर्षा का स्तर सामान्य से अधिक रहा था और 2023 व 24 में वर्षा सामान्य के नजदीक देखने को मिली है। पर्यावरण वैज्ञानिक मानते हैं कि जलवायु परिवर्तन का मानसून में असर पड़ा है। जिस कारण बारिश में असमानता देखने को मिली है।

जलवायु परिवर्तन के कारण बारिश के स्वभाव में अंतर आया है। तापमान में वृद्धि हुई है और आद्रता में कमी आई है। फिलहाल यह अंतर निरंतर जारी है और भविष्य में आने वाले वर्षों में मौसम व बारिश के बारे में सटीक पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता है। इस बार समय से पहले मानसून आया है तो बारिश में निरंतरता बनी हुई है। इस बार ला नीना और अल नीनो सक्रिय नहीं है। इस बार मानसून की बारिश सामान्य या सामान्य से अधिक हो सकती है।

नैनीताल में हुई हल्की बारिश

सरोवर नगरी में शनिवार को दिन में हल्की बारिश हुई। जिस कारण मौसम सुहावना बना रहा और तापमान सामान्य बना रहा। नगर में सुबह के समय चटक धूप खिली हुई थी। अपराह्न एक बजे बारिश हल्की बारिश शुरू हो गई, जोकि रुकरुक कर शाम तक होते रही। हालांकि वर्षा का रोजमर्रा के कार्यों में कोई असर नहीं पड़ा । जीआईसी मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अधिकतम तापमान 27 व न्यूनतम 20 डिग्री सेल्सियस रहा । आद्रता अधिकतम 90 व न्यूनतम 60 प्रतिशत रही ।

जुलाई की बारिश पर रहती है खास नजर

आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वरिष्ठ पर्यावरण वैज्ञानिक डॉ नरेंद्र सिंह कहते हैं कि जलवायु परिवर्तन का मानसून पर असर रहने लगा है। जिसने न केवल मानसून की बारिश का स्वरूप बदला है, बल्कि वर्षा के दिनों में भी बदलाव आया है। जुलाई का महीना मानसून का पीक रहता है। इस माह की बारिश में वैज्ञानिकों की खास नजर रहती है।

सैलानियों ने पर्यटन स्थलों का किया दीदार

वीकेंड पर सैलानियों ने पर्यटन स्थलों का दीदार किया । रविवार को पर्यटकों की संख्या बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है । पर्यटकों के वाहनों की वजह से जाम की स्थिति भी बन गई । नैनीताल होटल एसोसिएशन अध्यक्ष दिग्विजय बिष्ट के अनुसार, इस समय आमतौर पर होटल की बुकिंग 80% रहती थी, लेकिन इस बार औसत बुकिंग 30-35% पर आ गई है । बड़ी संख्या में पर्यटकों ने बुकिंग रद्द कर दी है । बारिश और भूस्खलन के बढ़ते खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग सतर्क है । पहाड़ों में बारिश के अलर्ट के बाद नैनीताल जिलों में कंट्रोल रूम सक्रिय कर दिए गए हैं । एसडीआरएफ की टीमें संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात की गई हैं । शासन ने यात्रा करने वालों को सावधानी बरतने और मौसम की जानकारी लेकर ही पहाड़ों की ओर रुख करने की सलाह दी है ।

अमृत विचार से साभार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *