खेती में नवाचार का प्रेरणादायक उदाहरण: महुवा के जगदीशभाई देसाई की ड्रैगन फ्रूट खेतीखेती में नवाचार का प्रेरणादायक उदाहरण: महुवा के जगदीशभाई देसाई की ड्रैगन फ्रूट खेती

महुवा के जगदीशभाई देसाई की ड्रैगन फ्रूट खेती

अभिषेक गोंदलिया

गुजरात राज्य ने पिछले कुछ वर्षों में कृषि क्षेत्र में नवाचार को अपनाने की दिशा में कई सराहनीय प्रयास किए हैं। नई फसलों और आधुनिक तकनीकों को अपनाकर गुजरात के कई किसान आज देश-विदेश में चर्चा का विषय बन चुके हैं। ऐसा ही एक प्रेरणादायक उदाहरण है महुवा तालुका के कंटासर गांव के किसान जगदीशभाई देसाई का। इन्होंने खेती में ऐसा बदलाव किया कि आज वे राज्य के किसानों के लिए प्रेरणा बन गए हैं।

खेती में नई दिशा: ड्रैगन फ्रूट की खेती

जगदीशभाई देसाई के पास कुल 40 बीघा जमीन है, जिसमें से उन्होंने 10 बीघा भूमि पर ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की। शुरुआत में उन्हें केवल उम्मीद थी कि अच्छी उपज मिलेगी, लेकिन आज यह उम्मीद एक मिसाल बन चुकी है।

उनके अनुसार, एक बीघा से उन्हें डेढ़ से दो लाख रुपये की आमदनी होती है। इस तरह 10 बीघा से हर साल वे ₹15 से ₹19 लाख तक की कमाई कर रहे हैं।

नई तकनीक: एलईडी लाइटिंग सिस्टम

जगदीशभाई ने ड्रैगन फ्रूट की फसल में एक अनोखी वैज्ञानिक तकनीक अपनाई है – एलईडी लाइटिंग सिस्टम। उन्होंने सोशल मीडिया पर विदेशी किसानों का एक वीडियो देखा, जिससे प्रेरित होकर उन्होंने ₹2 लाख से अधिक खर्च करके अपनी पूरी बाड़ी में रात को जलने वाले एलईडी लाइट लगाए।

इस लाइटिंग का उद्देश्य पौधों के प्रकाश संश्लेषण (फोटोसिंथेसिस) के समय को बढ़ाकर फलों की समय से पहले उपज लेना था। इससे न केवल उपज जल्दी आई, बल्कि मार्केट में कम आपूर्ति के चलते उन्हें ₹200 प्रति किलो का ऊँचा भाव भी मिला।

मिश्रित खेती: बहुमुखी सफलता

ड्रैगन फ्रूट के साथ-साथ जगदीशभाई ने मिश्रित खेती भी अपनाई है। इसमें उन्होंने हल्दी, जामफल, सीताफल और नींबू जैसी फसलें लगाई हैं। इनसे उन्हें तीन लाख से अधिक की अतिरिक्त आमदनी हुई। यह तरीका न केवल मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखता है, बल्कि फसलों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है।

प्राकृतिक खेती की ओर एक कदम

एक और उल्लेखनीय बात यह है कि जगदीशभाई पूरी तरह से प्राकृतिक खेती करते हैं। वे किसी भी प्रकार के रासायनिक खाद या कीटनाशकों का प्रयोग नहीं करते। इससे उनके उत्पाद पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और मिट्टी का स्वास्थ्य बना रहता है। वे पर्यावरण और अगली पीढ़ियों की चिंता करने वाले सच्चे किसान हैं।

अन्य किसानों के लिए प्रेरणा

जगदीशभाई देसाई का प्रयास गुजरात ही नहीं बल्कि पूरे देश के किसानों के लिए एक आदर्श उदाहरण है। उन्होंने यह साबित कर दिया कि पारंपरिक खेती और आधुनिक तकनीक के बीच संतुलन बनाकर भी बड़ी सफलता पाई जा सकती है।

उनकी प्रेरणा से आसपास के गांवों के कई किसानों ने भी ड्रैगन फ्रूट और लाइटिंग तकनीक में रुचि दिखाई है। आज गुजरात के कई जिलों में किसान इस प्रयोग को अपनाने के लिए तैयार हैं।

निष्कर्ष

जगदीशभाई देसाई ने ड्रैगन फ्रूट की खेती और लाइटिंग तकनीक के जरिए न केवल अपनी सफलता सुनिश्चित की, बल्कि अपने पूरे क्षेत्र में खेती की दिशा ही बदल दी। उनके नवाचारी दृष्टिकोण, मेहनत और तकनीकी समझ ने उन्हें गुजरात के एक कृषि विजनरी बना दिया है। उनका संदेश स्पष्ट है – “खेती केवल परंपरा नहीं, उसमें नवाचार आवश्यक है।”

ऐसी कहानियाँ देश के कृषि क्षेत्र में नई उम्मीदें जगाती हैं और युवाओं को खेती की ओर आकर्षित करती हैं – जो असली कृषि क्रांति का मार्ग बन सकता है।

पत्रकार, अमरेली, गुजरात

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